Tuesday, April 22, 2008

पृथ्वी दिवस


--: पृथ्वी दिवस :--

आप सभी को पृथ्वी दिवस की बधाई।
आज अच्छा दिन है यह विचारने का कि हमारे पास जो कुछ है वह पृथ्वी के कारण ही है। पृथ्वी पर किसी सभ्यता-संस्कृति, अर्थ-व्यवस्था, धर्म, देश से पहले भी समुद्र, नदियाँ, तालाब, पहाड़, पेड़-पौधे, औषधियाँ, फल, उपजाऊ-भूमि, आदि थे।
आओ ! पृथ्वी की इस असीम सम्पदा को संजोयें।

आओ ! डिब्बा-बन्द पदार्थों का कम इस्तेमाल करें जिससे कचरा कम फैले। आओ ! ताज़ा फल-सब्ज़ियाँ खायें और घर में खाना बनायें।
आओ ! कम कार-स्कूटर-मोटरसाइकिल चलायें और जन-वाहनों (बस-ट्रेन) का अधिक उपयोग करें। पैदल अधिक चलें, साइकिल अधिक चलायें।
आओ ! कम बिजली खर्च करें। रात को जल्दी सोयें और सुबह जल्दी उठें।

मेरी बेटी के विद्यालय-प्रोजेक्ट के तहत हमनें कुछ पुराने कपडो़ को काटकर एक दरी ( चित्र ऊपर) बनाई है। भारतीय कस्बों में इस तरह पुराने घिसे कपड़ों-वस्तुओं से कई उपयोगी वस्तुयें बनाई जाती हैं। इस तरह के कार्यों को जीवन में अपनायें और आने वाली पीढ़ी को सिखायें।

दरी में सहयोग::::::
मेरी श्रीमती जी का: दरी का आइडिया, डिज़ाइन, बुनाई और सिलाई।
मेरा: पुराने कपड़े की करतनें काटना और बुनना।
मेरी बेटी का: बुनाई और बेसबरी से प्रतीक्षा।
मेरे बेटे का: कपड़ों की करतनों से खेलना।