हाल ही में मैंने "जॉनी-जॉनी, यस पापा" का यह भारतीय संस्करण सुना-
काळू काळू, हाँ बापू
ज़र्दा खाया , ना बापू
झूट बोले, ना बापू
मुहँ तो खोल, आ ले थू-~~~~~~
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The great 'Kalakari' (means a product of an artist in Hindi) of Life. www.kalakari.com
1 comment:
ऐसा ही एक और है..
गुड्डू गुड्डू ..हाँ पापा
खाया लड्डू...ना पापा
झूठ बोला...ना पापा
मुहँ तो खोला..हा हा हा
:)
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