स्वस्थ रहने के लिए ४ नियम: ( श्री राजीव दीक्षित के व्याख्यान से )
१- खाना खाने के एकदम बाद पानी नहीं पीयें. कम से कम १ घंटे तक. खाना खाने से ४० मिनट पहले तक खूब पानी पी सकते हैं. अगर खाना खाने की बाद कुछ पीना ही है तो लस्सी, छाछ, फलों के रस, दूध पी सकते हैं. नाश्ते में फलों के रस, दिन में छाछ और रात में दूध पीयें और स्वस्थ रहो.
२- पानी हरदम घूँट-घूँट पीयो एकदम एकसाथ नहीं. मुंह की लार जो क्षारीय है , वो पेट के अम्ल को संतुलित करती है. सभी जानवर, पक्षी ऐसे ही करते हैं.
३- कभी भी ठंडा पानी न पीयें. (फ्रिज, कूलर, बर्फ आदि का)
४- सुबह उठते ही खूब पानी पीयो और तुरंत पाखाना जाओ. सुबह पेट में अम्ल होता है और मुंह की लार उसे संतुलित करती है. सुबह सुबह जिसका पेट साफ़ हो जाता है वो बहुत कम बीमार पड़ता है .
लत (शराब, सिगरेट, तम्बाकू, आदि ) छुड़ाने के तरीके:
१- रोज़ सुबह अपने दायीं नाक को बंद करके सिफ बाएं नाक से करीब ५ मिनट सांस लो . बाएं नाक की चन्द्र नाडी इच्छाशक्ति को बलवान करती है और किसी भी प्रकार की लत से छुटकारा दिलाती है .
२- अदरक के छोटे-छोटे तुकडे कर लें फिर उसमें नीम्बू और काला नमक छिड़क कर इसे धुप में सुखा दें . हमेशा इसे जेब में रखें और किसी भी प्रकार के नशे की इच्छा होने पर इसे चूस लें . विज्ञान कहता है जब भी कभी शरीर में सल्फर की कमी होती है तब व्यक्ति लत की तरफ भागता है । अदरक में सल्फर प्रचुर मात्रा में होता है . होम्योपेथिक की सल्फर-२०० (१००० अगर लत बहुत अधिक हो तो ) की १-२ सप्ताह तक रोज़ सुबह १ बूँद लेकर भी सल्फर पा सकते हैं .
३- ऋषि व्यास का उपाय (स्वामी तदात्मानंद के व्याख्यान से ) : जब भी कभी आप किसी नशीली चीज़ को देखें (जिसकी आपको लत हो) तो आप यह कल्पना करें, आप हॉस्पिटल में हैं और बीमारी की वजह से आपकी हालत बहुत खराब है, दवाई, ग्लूकोस की बोतलें चढ़ रही हैं .
-- हम सभी विज्ञान युग के हैं अतः इन्हें एक प्रयोग की तरह करें और अगर लाभान्वित हों तो दूसरों को भी बताएं .
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