-- थैंक्स गिविन्ग --
अमरीका में हर वर्ष, नवम्बर के चौथे गुरुवार को मनाये जाने वाले थैंक्स गिविन्ग (Thanksgiving) उत्सव पर. इस दिन सभी लोग, अमरीका के कौने-कौने से यात्रा करके, सपरिवार इकठ्ठा होकर भगवान को धन्यवाद देते हैं और टर्की (bird turkey) खाते हैं। अधिक जानकारी http://en.wikipedia.org/wiki/Thanksgiving .
इस साल भी देखी खूब, थैंक गिविन्ग की धूम,
लोग हुए इकठ्ठा, खूब चबाई टर्की की दुम।
चबाई टर्की की दुम, टर्की की तो शामत आयी,
कैसा भगवान, कैसा धन्यवाद, किसे दे वो दुहाई।
हवाई-जहाज, कारों में भर-कर चली मानव की आँधी,
ट्रैफ़िक जाम, पैट्रॉल खर्च, ऐयर-लाईन्स की हुई चाँदी।
'सेल' की रेलम-पेल से हो रहे हर दुकान में दंगे,
समर्थ लोग भी टूटेँ ऐसे, जैसे जनम-जनम के भूखे-नंगे।
छूट और फ़्री की खरीद-दारी में सब भूले मानवता फ़र्ज,
तीसरी दुनिया का गरीब मजदूर चुकायेगा हमारी लालच का कर्ज़।
-- हिमांशु शर्मा
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4 comments:
बहुत अच्छा हिमान्शु जी, अच्छी जानकारी दी है।
वाह बंधु,
बहुत अच्छा लिखे हो । आधुनिक जीवन प्रचलित अर्थों में प्रकृति के शोषण पर ही टिका हुआ है । इसे बदलने की जरूरत है । हमारा सामूहिक प्रयास इसी दिशा में होना चाहिये ।
सच्चाई को आपने बहुत सरल शब्दों में लिखा है ।
पढ़कर अच्छा लगा । बधाई !!
रीतेश गुप्ता
महाशक्ति, दीपक और रीतेष भाई आपकी टिप्पणियों का धन्यवाद।
मुझे यही लगता है कि हम भगवान को "थैंक्स" कहने के चक्कर में भगवान के बन्दों का हाल भूल रहे हैं। हम यही प्रयास करें कि हम भगवान के बन्दों की बन्दगी करके ही भगवान के पास पहुँचें।
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