http://www.bbc.co.uk/hindi/regionalnews … nded.shtml
कन्या-भ्रूण हत्या कोइ नई बात/खबर नही रही। इसके नुक्सान से सभी वाकिफ़ है और एक सबसे बडा नुकसान तो ये कि आजकल शादी के लिये लडकीया मिलना मुश्किल हो गयी है। पर आदरणीय डाक्टर साहबो का निलम्बन कुछ-कुछ अनहोनी बात लगे। मुझे दुख है कि कई मेरे रिश्तेदार भी ऐसा काम करा चुके है।
अब भैया मेरे दिमाग मै हमेशा की तरह प्रश्न ये है कि हम क्या कर सकते है इस बारे मे सिवाय इस समाचार को पढ्कर ५ मिनट बाद भूलने के।
मेरे कुछ विचार:
१. इस बारे मै और जागरुकता फ़ैलाये। राजस्थान सरकार के मुख्य मन्त्री और सम्बन्धित मन्त्री जिसने
डाक्टर साहबो को निलन्बित करवाया है उसे शुक्रिया ई-मेल/पत्र भेजे ( http://www.rajasthan.gov.in/Rajasthan.asp )। इस समाचार का मित्रो-रिश्तेदारो से जिक्र करे और ये कहना ना भूले कि 'भ्रूण-हत्या करने वाले लोग कितने निक्रष्ट होते है', ताकी उन्हे भी महसूस हो कि ये गलत है।
२. इस बार किसी टीवी चैनल ने जासूसी करके समाज कल्याण विभाग मे शिकायत दर्ज़ कराई थी। टीवी चैनल जी को धन्यवाद। वैसे मै टीवी नही देखता, लेकिन अगर कोइ ऐसा अछ्छा काम करे तो उसे धन्यवाद तो दे ही सकता हू। हाल के कुछ वर्षो मे इस बारे मे बहुत बहस हो चुकी है कि इस तरह की जासूसी सही है या गलत। तो मेरा मानना ये है कि, अगर इन दरिन्दो को इस तरह की जासूसी करके नही पकडा गया तो शायद भगवान ही आकाषवाणी/जाल-वाणी करके इन लोगो के नाम बता पाये।
३. चिकित्सा, सेवा से हटकर एक व्यवसाय का रूप ले चुका है। किसी व्यवसाय की नीव ही लाभ-हानि के सिद्धन्त पर रखी होती है और इसमे समाजिक नियम और मरीज़ो की देखभाल अपना महत्व खो देते है।। साथ ही जब अन्य व्यवसाय के लोग लाभ-हानि के सिद्धन्त पर कार्य करके सम्पत्ति अर्जित कर सकते है तो चिकित्सक क्यो नही। ये एक बहुत ही गूढ प्रश्न है। हम चिकित्सको को कैसे समझाये कि जो कार्य वो कर रहे है वो व्यवसाय से बढ्कर सेवा है। इस बारे मै १०-११-१२ कक्षा के विद्यर्थियो से बात करके एक स्वस्थ वातावरण की नीव रखी जा सकती है। मै अपने विद्यालय के प्राचार्य से (जिसमे मै २० साल पहले १०वी कक्षा मे पढा था) इस बारे मे जरूर बात करून्गा।
और क्या किया जा सकता है इस बारे मे?
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